बेहतर और हेल्दी जीवन के लिए


                        बेहतर और हेल्दी जीवन के लिए 



हम अपनी लाइफ किस तरह जीते है ये काफी हद तक तय करता है की हम लाइफ में कितने हेल्दी है। 

लाइफस्टाइल यानि जीवनशैली. हमारी लाइफस्टाइल में हमारे खाने-पीने, सोने-जागने, मनोरंजन करने, एक्सरसाइज करने से लेकर पहनावे तक सब कुछ शामिल है जो हमारी जिन्दगी की दिशा और दशा दोनों तय करते है। समस्याओ से निपटने, रिकवरी करने, तनाव से बचने और लाइफ में क्वालिटी को विकसित करने के लिए एक पॉजिटिव लाइफस्टाइल का होना काफी जरुरी है. लेकिन तेजी से बदलते माहोल में लोगो की जीवनशेली में काफी बदलाव आया है जिससे कैंसर, डिप्रेशन, हार्ट डिजीज, डिप्रेशन, स्ट्रेस, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा, आँखों में दिक्कत, सर दर्द जैसी समस्याएँ काफी ज्यादा देखी जा सकती है।

इन सभी समस्याओ से निपटने के लिए आज हम पूरी तरह से दवाइयों पर निर्भर है जिससे परेशानियाँ सिर्फ कुछ समय के लिए गायब हो जाती है लेकिन पूरी तरह से खत्म नही हो पाती. क्योकि असल में समस्या हमारे रहन-सहन  के तरीके में है. इसलिए एक स्वस्थ और सकरात्मक जीवन के लिए एक पॉजिटिव लाइफस्टाइल का होना बहुत जरुरी है

कई शोधो में पाया गया है की खराब जीवनशैली तनाव और अवसाद के मुख्य कारण है. पॉजिटिव लाइफस्टाइल चिंता और तनाव से लड़ने के लिए सबसे ज्यादा जरुरी है. इससे मनोविज्ञानिक शक्ति मजबूत होती है और मानसिक स्वास्थ्य में वृद्धि होती है

 
एक हेल्दी लाइफस्टाइल से स्वस्थ आदतों का निर्माण होता है. हेल्दी लाइफस्टाइल में डाइट, एक्सरसाइज, योग, टाइम, अच्छी नींद शामिल है. इन आदतों को अपनाकर फिटनेस और हेल्थ को बेहतर बनाया जा सकता है

 जो व्यक्ति पॉजिटिव लाइफस्टाइल अपनाता है, उनका चीजो के प्रति नजरिया हमेशा सकरात्मक रहता है जो किसी भी क्षेत्र में सफलता के लिए सबसे जरुरी है

एक स्वस्थ्य जीवनशैली इंसान में रोग प्रतिरोधात्मक शक्ति को बढाती है जो उसे बिमारियों से बचाती है

एक अच्छा लाइफस्टाइल इंसान को सामाजिक, मानसिक और शारीरिक रूप से फिट रखता है जिससे व्यक्ति आत्म निर्भर बनता है सही खान-पान में हमारे खाने में वो सभी तत्व शामिल है जो हमारी सेहत के लिए सबसे ज्यादा जरुरी है. एक अच्‍छे खान-पान में  कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन, खनिज आदि जैसे तत्व सही अनुपात में शामिल होते है. किसी भी तत्व को कम या ज्यादा मात्रा में लेने से कई तरह की दिक्कतों और बिमारियों को सामना करना पढ़ सकता है. जैसे विटामिन A की कमी से रतोंधी और विटामिन B की कमी से बेरी बेरी रोग हो सकता है. वही जो लोग कैल्शियम कम मात्रा में लेते है उनकी हड्डियाँ दुसरो की तुलना में कमजोर होती है.


 

शराब, गुठके, और ध्रूमपान से क्या नुकसान है यह बताने की जरुरत नहीं है. क्या आप जानते है हर साल 2,50,000 लोग इनके कारण अपनी जान गवा बैठते है. और जो बच जाते है उनमे से ज्यादातर लोगो के दिमाग और मेमोरी पर इन चीजो का बुरा प्रभाव पढता है. इसलिए अगर आपको भी नशे की लत है तो इसे छोड़ने का प्रयास करे। 

जमाना इन्टरनेट और टीवी का है तो देर तक जागना लाजमी है. लेकिन ये थोडा सा मजा हमारी सेहत, स्मरण शक्ति, और आँखों पर अपना बुरा असर छोड़ सकता है. पुरे दिन की भागादोड़ी के बाद एक अच्छी नींद दुबारा उर्जा को रिस्टोर करती है. कम सोने या देर से सोने से उदासी, चिडचिडापन, तनाव और ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है. इसलिए अपने जीवनशैली को बेहतर बनाये रखने के लिय समय पर सोने और जागने की आदत डाले।

समाजीकरण यानी समाज में मिल जुल कर रहना भी सकरात्मक लाइफस्टाइल के लिए जरुरी है. ये आज के युवाओ के लिए और भी जरुरी हो जाता है जहाँ समाजीकरण आज का मतलब हमारे लिए फेसबुक और whats aap तक सिमट कर रह गया है. घुल मिलकर रहने और समाज में अपनी बात रखने से जानकारी तो बढती ही है साथ में आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होती तथा तनाव और डर घटता है।


शरीर को एक्टिव, फेफड़ो को मजबूत, मन को शांत, सकरात्मक रहने और आलस-पन को दूर करने के लिए योग और मैडिटेशन काफी जरुरी है. साथ ही मोटापे और ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए भी योगा और एक्सरसाइज लाभदायक है। 

स्वस्थ रहने का मतलब सिर्फ कभी कभार सलाद खाना या कुछ हफ़्तों में एक बार टहलने के लिए जाना नहीं है | आपको अपनी तरफ से थोड़ी मेहनत करनी पड़ेगी, लेकिन आपकी सेहत से बढ़कर तो कुछ भी नहीं है एक स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए, नियमित रूप से स्वस्थ खाएं, व्यायाम को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं और सफाई रखें आपको कुछ बुरी आदतें जैसे, फेड डाइटिंग और पर्याप्त नहीं सोने से भी बचना चाहिए जीवन शैली (लाइफस्टाइल) में बदलाव लाने के लिए आपको थोड़ा सा सुधार करना पड़ेगा, पर स्वास्थ्य में परिवर्तन तभी हो सकता है जब आप मेहनत करने को तैयार हों.



 



1.ऐसे फूड्स का चुनाव करें जिनमें अन्हेल्दी फेट्स न्यूनतम मात्र में हों: अन्हेल्दी फेट्स में दोनों ट्रांस और सैचुरेटेड फेट्स शामिल होते हैं। इन फेट से आपका LDL कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है, और इसका मतलब है हार्ट डिजीज की सम्भावना बढ़ना।

2
. जिन फ़ूड में ट्रांस फेट्स ज्यादा होता है उनमें वह आइटम्स जैसे शोर्टेनिंग या मार्जेरीन शामिल हैं जिनमें पर्शिअली हाइड्रोजनेटेड ऑयल्सहोते हैं। बेक्ड फूड्स, फ्राइड फूड्स, फ्रोजेन पिज़्ज़ा, और अन्य प्रोसेस्ड फ़ूड इनमें सब में अधिकतर ट्रांस फैट होता है।

3
. इन सैचुरेटेड फैट्स से भरे पदार्थों में पिज़्ज़ा, चीज़, रेड मीट और फुल फैट डेरी प्रोडक्ट शामिल हैं कोकोनट आयल में भी सैचुरेटेड फैट ज्यादा होता है, पर उससे गुड कोलेस्ट्रॉल भी बढ़ सकता है, इसलिए उसे हिसाब से इस्तेमाल करने में कोई परेशानी नहीं है।

हेल्दी फैट्स भी हिसाब से खाएं: पोली-अनसैचुरेटेड, मोनो-अनसैचुरेटेड और ओमेगा-

फैट्स सभी स्वस्थ जीवनशैली के लिए उचित विकल्प हैं। ये फैट्स आपका एल डी एल कोलेस्ट्रॉल कम करके एच डी एल कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाते हैं जिससे हार्ट डिजीज की सम्भावना कम होती है।

4
. ओलिव, केनोला, सोया, पीनट, और कॉर्न आयल का चुनाव करें।

5
. फिश में ओमेगा 3 फैटी एसिड काफी ज्यादा होता है। सैलमन, टूना, ट्राउट, मैकरील, सारडाइन और हेरिंग के बीच चुनाव करें। आप ओमेगा 3 को पौधों से जैसे फ्लेक्ससीड, प्लांट ऑयल्स, और नट्स और सीडस से भी पा सकते हैं हांलाकि आपका शरीर इनको जल्दी नहीं पचा पता 

6
. ऐसे फूड्स चुनें जिनमें शुगर और हाइली रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स कम हो: मिठाई, सॉफ्ट ड्रिंक, ज्यादा मीठे फ्रूट जूस और सफ़ेद ब्रेड का सेवन कम करें। इनके स्थान पर फलों, ताज़े बनाये जूस और व्होल ग्रेन ब्रेड का चयन करें हमेशा खूब सारा पानी पीयें
नियमित रूप से हर रोज़ व्यायाम करने से आपका शरीर अंदर से मज़बूत होगा। इसके अलावा, व्यायाम हार्ट डिजीज, कैंसर, डायबिटीज और ओबेसिटी जैसी बिमारियों की रोकथाम करता है। याद रहे की आपका शारीरिक स्वास्थ्य आपके मानसिक विकास को भी प्रभावित करता है। शारीरिक गतिविधियों से आपके दिमाग की सोच बदलती है और चिंता और डिप्रेशन जैसी तकलीफें दूर रहती हैं। सकरात्मक सोच और सदैव खुश रहने से जुड़ी जानकारी प्राप्त करें | खुश रहने वाले लोग स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी पर भी काम करते हैं इसलिए स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए अपनी ख़ुशी पर भी ध्यान दें।
ज्यादा मुस्कुराने और हंसने की कोशिश करें (अपने दोस्तों से बात करने के लिए हंसी के विषय चुनें; ऐसे विडियो देखें जो आपको हंसाएं; जीवन की हर स्थिति में हास्यप्रद रवैय्या अपनाएं) आप बहुत जिंदादिल और स्वस्थ महसूस करेंगे।
विटामिन और मिनरल की पर्याप्त मात्रा पाने के लिए मल्टीविटामिन लें। 
पौष्टिक खाना जैसे फल, सब्जियां, लीन प्रोटीन, व्होल ग्रेन और लो-फैट डेरी।
हल्का व्यायाम. 
पर्याप्त मात्रा में नीद. 
वज़न मापने की मशीन 
टूथब्रश और टूथपेस्ट 
डेंटल फ्लॉस 
एंटीपेर्स्पिरांट. 

               बेहतर और हेल्दी जीवन जीने के तरीके और बदलाव-


1.
कोशिश करें कि आप और आपकी सभी चीज़ें हमेशा व्यवस्थित रहें. बहुत-से लोग ख़ुद भी अस्त-व्यस्त रहते हैं और अपना घर, ऑफिस का डेस्क भी अस्त-व्यस्त ही रखते हैं, जिससे न स़िर्फ वे ख़ुद भी परेशान रहते हैं, बल्कि लोगों पर उनका प्रभाव भी अच्छा नहीं पड़ता. 

2.
अपनी सोच और अप्रोच हमेशा सकारात्मक और प्रगतिशील रखें. नकारात्मक सोचनेवालों के साथ ज़्यादा बातचीत न करें. 

3.
रात को जल्दी सोने की आदत डालें और सुबह भी जल्दी उठें. 

4.
हल्का व्यायाम ज़रूर करें और हेल्दी नाश्ता करें. 

5.
ऑफिस को कभी भी घर पर न लेकर आएं. वहां का प्रेशर, वहां के तनाव वहीं छोड़कर आएं. अपने परिवार के साथ एन्जॉय करें. 

6.
रोज़ाना अपनी लिस्ट अपडेट करें यानी दिनभर में आपको जो भी काम करना हो, उसकी लिस्ट बनाएं. 

7.
खाना हमेशा आराम से चबा-चबाकर खाएं, यह आपकी सेहत और पाचन शक्ति के लिए अच्छा होगा. 

8.
रीडिंग हैबिट डेवलप करें यानी रोज़ाना कोई अच्छी क़िताब, अच्छा साहित्य ज़रूर पढ़ें. यह न स़िर्फ आपका ज्ञान बढ़ाएगा, बल्कि आपको सकारात्मक बनाकर रचनात्मकता भी बढ़ाएगा. 

9.
अख़बार ज़रूर पढ़ें या फिर न्यूज़ देखें, ताकि आपकी जानकारी अपडेट रहे. 

10.
बैठते वक़्त ध्यान रखें कि पैरों को क्रॉस करके न बैठें, इससे रक्त संचार में रुकावट पैदा होती है, जिससे पीठ दर्द, कमर दर्द के अलावा वेरिकोज़ वेन्स और स्पाइडर वेन्स की समस्या भी होती है. 

11.
बेहतर होगा आप घुटनों की बजाय एंकल से क्रॉस करके बैठें. 

12.
बहुत ज़्यादा हाई हील्स न पहनें. 2 इंच से ज़्यादा हील्स पहनने से सेहत को नुक़सान हो सकता है. 

13.
लगातार कंप्यूटर पर काम न करें, इससे आंखों, कंधों और गर्दन पर प्रभाव पड़ता है. बीच-बीच में ब्रेक लें. कुछ सेकंड तक आंखें बंद करें और गर्दन व कंधों को भी घुमाकर रिलैक्स करें. 

14.
हमेशा अपने मोबाइल पर ही न बिज़ी रहें. जब परिवार के साथ हों या वॉक वगैरह पर जाएं, तो बेहतर होगा कि मोबाइल स्विच ऑफ कर दें. 

15.
हाइजीन का ख़्याल रखें. मुहँ से लेकर पर्सनल हाइजीन न स़िर्फ आपकी पर्सनैलिटी के लिए, बल्कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए भी बहुत ज़रूरी है. 

16.
खाना खाने से पहले और खाना बनाने से पहले भी साबुन से हाथ ज़रूर धोएं. 

17.
खांसते व छींकते वक़्त हाथ या रुमाल ज़रूर रखें. 

18.
सोने से पहले ब्रश करना न भूलें. 

19.
घर में वेंटिलेशन अच्छा होना चाहिए. दिन के समय खिड़कियां खुली रखें, ताकि ताज़ी हवा और भरपूर रोशनी रहे. एसी का प्रयोग ज़रूरत पड़ने पर ही करें और समय-समय पर क्लीन भी करवाते रहें. 




20. हर बात पर टोकना या दूसरे की ग़लतियां निकालना बंद कर दें. इससे आपका चिड़चिड़ापन बढ़ेगा और लोग आपको एक नेगेटिव इंसान समझेंगे. 

21.
छुट्टी के दिन दिनभर आलस में पड़े न रहें और न ही टीवी या कंप्यूटर के साथ चिपके रहें.
फैमिली के साथ वक़्त बिताएं. कहीं घूमने जाएं. बातचीत करें. बच्चों को समय दें. 

22.
मैसेज करते समय अक्सर लोग गर्दन झुकाकर फोन पर मैसेज पढ़ते या टाइप करते हैं, लेकिन यह तरीक़ा ग़लत है. इससे गर्दन पर ज़ोर पड़ता है और दर्द हो सकता है. 

23.
जंक फूड कम खाएं. यह न स़िर्फ मोटापा बढ़ाता है, बल्कि इसमें कैंसर उत्पन्न करने वाले तत्व भी होते हैं. 

24.
अक्सर लोग कान साफ़ करने के लिए अपनी हेयर पिन, पेन या पेंसिल का इस्तेमाल करते हैं, जबकि यह ख़तरनाक हो सकता है. सबसे सुरक्षित तरीक़ा है कि छोटी उंगली पर टॉवल लपेटकर कान को साफ़ करें या फिर ईयर ड्रॉप्स का इस्तेमाल करें. 

25.
अपना वज़न नियंत्रण में रखने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं. अगर आप मोटापे के शिकार हैं, तो उससे जुड़े रिस्क फैक्टर्स पर ध्यान दें, जैसे- उच्च रक्तचाप, डायबिटीज़, स्ट्रोक या हार्ट डिसीज़. 

26.
हर व्यक्ति की ज़रूरत और बॉडी क्लॉक अलग होता है, उसी के अनुसार डायट और एक्सरसाइज़ प्लान करें. अपना हफ़्तेभर का डायट प्लान करके चार्ट बना लें. 

27.
अपने डायट से सैचुरेटेड फैट्स और ट्रान्स फैट्स की मात्रा कम करें. रेड मीट, डेयरी प्रोडक्ट्स, फ्राइड व बेक्ड फूड, कैंडीज़ और प्रोसेस्ड फूड में कमी कर दें. 

28.
अलग-अलग प्रोटीन्स लें. ये आपको बीन्स, नट्स, सीड्स, टोफू, सोया प्रोडक्ट्स में मिलेंगे. कैल्शियम युक्त पदार्थ भी ज़रूर लें, जैसे- दूध, छाछ और दही. इसके अलावा हरी पत्तेदार सब्ज़ियां भी कैल्शियम की अच्छी स्रोत हैं. 

29.
ओवर ईटिंग से बचें. हमेशा भूख से थोड़ा कम ही खाएं. अक्सर अपना मनपसंद खाना देखते ही हम ज़्यादा खा लेते हैं, लेकिन ऐसा न करें. 

30.
बहुत ज़्यादा पेन किलर्स न खाएं. अक्सर हम सिरदर्द या बदनदर्द होते ही कोई भी पेनकिलर खा लेते हैं, जो नुक़सानदायक हो सकती है. बेहतर होगा कोई घरेलू नुस्ख़ा आज़माएं या फिर डॉक्टर की सलाह लें. 

31.
वीकेंड्स पर मसाज करवाएं. इससे थकान भी मिटेगी और रक्त संचार भी बेहतर होगा. 

32.
छुट्टियां प्लान करें और आउट स्टेशन जाएं, क्योंकि हवा-पानी बदलने से न स़िर्फ आप रिफ्रेश हो जाते हो, बल्कि पेट संबंधी रोग भी कम होते हैं. 

33.
नियमित रूप से हेल्थ चेकअप भी करवाते रहें. कई बार डायबिटीज़ या उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों का सालों तक पता नहीं
चल पाता. 

34.
रात को आंखों में गुलाबजल डालें या फिर रुई के फाहों को गुलाबजल में भिगोकर आंखों पर रखें. इससे आंखों की थकान मिट जाती है. 

35.
सबको एक साथ ख़ुश रखना नामुमकिन है. अगर आपको लगता है कि आपकी लाख कोशिशों के बावजूद कुछ लोग आपको नापसंद करते हैं, तो यह उनकी समस्या है. ख़ुद को इसके लिए दोष न दें और ख़ुश रहना सीखें. यह बात अच्छी तरह से समझ लें कि एक साथ सबको ख़ुश नहीं रखा जा सकता.


36.
जो चीज़ें आपके नियंत्रण से बाहर हों, उनके लिए तनाव लेना बेव़कूफ़ी है, जैसे- आप समय से घर से निकलें, लेकिन ट्रेन या बस लेट है या ट्रैफिक बहुत ज़्यादा है, तेज़ बारिश या अन्य किसी वजह से देरी हो गई, तो तनाव न लें, क्योंकि यह आपके बस की बात ही नहीं है और इसमें आपका कुसूर भी नहीं है. 

37.
कभी भी किसी दूसरे की तरक़्क़ी या ख़ुशी देखकर हीनभावना न पालें. दुनिया में ऐसे बहुत-से लोग होंगे ही जिनके पास आपसे ज़्यादा क़ामयाबी और पैसा होगा. आप अपना काम मेहनत से कर रहे हैं इसकी तसल्ली रखिए. 

38.
ज़िंदगी के हर पल को पूरी तरह से जी लेने का जज़्बा पैदा करें. हमेशा ज़िंदगी से शिकायत करते रहने से हालात बदलेंगे नहीं, बल्कि आपके दुख ही बढ़ेंगे. ऐसे में ज़िंदगी में जो अच्छे पल आपके पास हैं, वो भी आप से छिन जाएंगे. बेहतर होगा, उन्हें एंजॉय करें. 

39.
ड्रामैटिक होकर सहानुभूति बटोरने की आदत है, तो फौरन उसे सुधारने पर ध्यान दें. बहुत-से लोग अपनी निजी ज़िंदगी, अपनी बीमारी और घरेलू समस्याओं को सबके सामने बढ़ा-चढ़ाकर बताते हैं और सोचते हैं, इससे लोगों की सहानुभूति उन्हें मिलेगी. जबकि पीठ पीछे यही लोग उनकी इस आदत का मज़ाक बनाते हैं, क्योंकि ये समस्याएं तो सभी की हैं, लेकिन हर कोई इन्हें अटेंशन पाने का ज़रिया नहीं बनाता. 

40.
लोगों के बारे में एक ही धारणा कायम न कर लें. न ही सबको एक ही तराज़ू में तौलें. हर परिस्थिति अलग होती है और अलग-अलग परिस्थिति में लोग अलग-अलग तरह से प्रतिक्रिया देते हैं. मन में एक ही बात बैठाकर उसी नज़रिए को सही न मानें. 




41. हर बात को दिल से न लगा लें और न ही पर्सनली लें. मज़ाक सहना भी सीखें वरना आप एक नकारात्मक इंसान के रूप में जाने जाएंगे और लोग आपसे दूर रहने में ही अपनी भलाई समझेंगे. 

42.
बीती बातों से ही चिपके न रहें. हमेशा आगे की सोचें. 

43.
झूठ बोलने से बचें. कई लोग अपनी झूठी प्रशंसा करते हैं या फिर रिश्तों में भी झूठ बोलते हैं, जिससे आगे चलकर आपके रिश्ते बिगड़ सकते हैं और साथ ही आपके बारे में लोगों की राय भी बदल सकती है. कोई भी आप पर भरोसा नहीं करेगा. 

44.
इस बात को भी स्वीकारें कि आप परफेक्ट नहीं हैं और आपसे भी ग़लतियां हो सकती हैं. अपनी ग़लती मानें और सॉरी कहना भी सीखें. 

45.
रोज़ाना ख़ुद को बेहतर बनाने का प्रयास करें. हर किसी से कुछ न कुछ सीखने को मिलता है. दूसरों से और अपनी ग़लतियों से भी सीखें तथा ख़ुद को और बेहतर इंसान बनाने की दिशा में प्रयास करें. 

46.
अपने गुणों और हॉबीज़ पर ध्यान दें. अपनी पॉज़ीटिव बातों को लोगों के सामने लाएं. 

47.
दूसरों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहें. इससे आपका आत्मविश्‍वास भी बढ़ेगा और मन में संतोष भी रहेगा. 

48.
अपने लिए वक़्त निकालें. छुट्टी लेकर पूरा दिन अपने हिसाब से बिताएं. घूमने जाएं, शॉपिंग करें या मूवी देखें. इससे आप तरोताज़ा हो जाएंगे. 

49.
ज़िंदगी में सभी को सब कुछ नहीं मिलता. जो नहीं मिला उसकी आस में रोने की बजाय जो मिला है उसकी कद्र करें. 

50.
ख़ुद को बहुत ज्ञानी साबित करने के लिए बेवजह दूसरों को सलाह न दें. सलाह देने की बजाय उनकी समस्या को सुनें, समझें और जितना हो सके, मदद करें. 

51.
ख़ुद से प्यार करना सीखें. दूसरों की तरह बनने या उनकी नकल करने के प्रयास में अपनी पहचान न खोएं. आप जैसे भी हैं, अच्छे हैं. अपनी कमियों को ज़रूर सुधारें, पर ख़ुद को कम न आंकें. 

52.
ज़िंदगी की भागदौड़ और तनाव में आपकी हंसी गायब न हो जाए, इसलिए खुलकर हंसे. खुलकर हंसने से फेफड़ों में लचीलापन बढ़ता है और उन्हें ताज़ी हवा मिलती है. 

53.
रोज़ाना थोड़ा ध्यान लगाएं. इससे एकाग्रता बढ़ती है और आप रिफ्रेश महसूस करते हैं. 

54.
अपनी भावनाओं और मूड पर नियंत्रण रखने का प्रयास करें. बहुत ज़्यादा ग़ुस्सा न करें, न ही बहुत दुखी या उदास रहें.
समाज में भी अपने व्यवहार और भावनाओं में संतुलन बनाए रखें. 

 

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