व्यक्तित्व निखार-
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हमारा व्यक्तित्व ही हमारी छवि को लोगों के बीच प्रदर्शित करता है तथा कोई भी व्यक्ति जन्म से ही अच्छी पर्सनालिटी वाला नहीं होता है, पर्सनालिटी को विकसित किया जाता है और यदि आप अपने व्यक्तित्व पर ध्यान नहीं देते है तो यह खुद ही आपके आस-पास के माहौल के अनुसार परिवर्तित हो जाती है। बहुत बार हमने देखा है उच्च सोसाइटी में रहने वाले लोग निम्न सोसाइटी वालो से अधिक आकर्षित होते है क्योंकि उनके आस-पास का माहौल बहुत अच्छा होता है।
यदि आप स्वयं के व्यक्तित्व पर ध्यान दे और एक अच्छा इंसान बनने की कोशिश करे तो फिर आपके व्यक्तित्व को आस-पास के माहौल से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता है। बहुत से लोग पर्सनालिटी विकसित तो करना चाहते है परन्तु वो इसी उलझन मे खोए रह जाते है।
पर्सनालिटी डेवलपमेन्ट को हिंदी में व्यक्तित्व विकास कहा जाता है। यह हमारी भावना, विचार और व्यवहार का एक स्थायी रूप होता है जो हमें अन्य लोगों से अलग बनाता है। पर्सनालिटी साइकोलॉजी (व्यक्तित्व मनोविज्ञान) के अनुसार हमारा व्यक्तित्व बहुत तेजी से उभरता है और यह जिंदगी भर सार्थक रूप से परिवर्तित होता रहता है।
पढ़ना शुरू करें-
किताबें ज्ञान का भंडार होती है, और ज्ञानवान व्यक्ति की समाज में बहुत इज़्ज़त होती है। व्यक्तित्व विकास के निर्माण में किताबें महत्वपूर्ण स्थान रखती है। पढ़ने के लिए ज़रुरी नहीं है कि आप किसी पुस्तकालय में जाएं और फिर किताबें पढ़ना शुरू करें। आप इंटरनेट पर भी आर्टिकल, मैगज़ीन, पुस्तकें आदि ज्ञानवर्धक सामग्री पढ़ कर कही भी अपनी बातों का लोहा मनवा सकते है। क्योंकि जब आपके पास ज्ञान होगा तभी तो आप अपनी बात को सबसे अच्छे तरीके से रख पाएंगे।
विनम्र बने-
विनम्रता अच्छाई की मूर्ति होती है। विनम्र रहने से हर व्यक्ति आपसे बात करना पसंद करता है। यदि आप स्वयं का ही उदाहरण लेकर देखे कि कोई व्यक्ति आपसे हमेशा कठोर आवाज़ में और चेहरे पर गंभीर स्वभाव लिए बात करे तो क्या आप उसे पसंद करेंगे। इसलिए हमेशा विनम्र रहे और सदैव चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कान रखे। यदि आप जीवन में दूसरों से कुछ चाहते है तो पहले स्वयं को बदले और कभी भी गुस्सा न करे, यह आपके व्यक्तित्व को अलग पहचान दिलाता है।
माफ़ी मांगना और माफ़ करना सीखें-
जैसा हमने आपको ऊपर बताया कि व्यक्तित्व विकास के लिए विनम्रता कितनी ज्यादा ज़रुरी है। माफ़ी मांगने से आपकी विनम्रता में और अधिक निखार आता है, माफ़ी मांगने का अर्थ यह नहीं है कि किसी भी व्यक्ति के सामने हम रोना या गिड़गिड़ाना शुरू कर दे। माफ़ी मांगने का मतलब है जब आप किसी भी व्यक्ति से तनाव होने के बावजूद फिर से बात करके मामले को सुलझाएं ठीक इसी प्रकार अगर कोई आपसे माफ़ी मांगे तो उसे माफ़ कर दे तथा बीती बातों को छोड़कर आगे बढ़े।
अपने फोन द्वारा दूसरों को परेशान न करें-
यह बहुत ही सामान्य गलती है जिसे हम कई बार दोहरा चुके है, परन्तु हमे पता नहीं है। कई बार हमारा फोन मीटिंग, ऑफ़िस या अन्य ऐसी जगह पर बजने लगता है, जिससे आस-पास वालो का ध्यान भटक जाता है। यदि आप शोर और भीड़-भाड़ वाले माहौल में नहीं है तो आपको हमेशा अपने फोन को वाइब्रेशन मोड पर रखना चाहिए। मोबाइल पर वीडियो, गाने आदि देखने के लिए इयरफोन का इस्तेमाल करना चाहिए तथा फोन पर बात एकांत में कमरे के बाहर जाकर करना चाहिए।
बॉडी लैंग्वेज को सुधारें-
बहुत बार आपने देखा होगा कुछ लोगों की बातें व उनका बात करने का ढंग ऐसा लगता है जैसे उनके मुँह से रस टपक रहा हो, तथा सभी उनकी तरफ आकर्षित होने लगते है। बात करते समय एक दम शुद्ध तथा सुनने योग्य धीमी गति से अपने चेहरे पर सम्बन्धित विषय से मिलते हुए भावो को लाना चाहिए। जिससे आपके द्वारा कह़ी गयी बात का सुनने वालों पर बहुत ही गहरा प्रभाव पड़ता है। बॉडी लैंग्वेज ठीक करने के लिए आप मोटिवेशनल स्पीकर की तरह बोलने की कोशिश करें।
हमेशा खुश तथा सकारात्मक रहे-
हमेशा खुश रहने के लिए आवश्यकता होती है सकारात्मक सोच की, इसलिए हर चीज़ में सकारात्मक बातों को ढूंढने की कोशिश करें। हमेशा खुश रहने वाले व्यक्ति ही जीवन में सफल होते है क्योंकि अगर कोई व्यक्ति फेल होकर गिर भी गया है तो वापस उठने के लिए उसे एक नए सकारात्मक जोश और उत्साह की आवश्यकता होती है। हमेशा खुश रहना आपको किसी भी कठिन परिस्थिति में सबसे अलग बना देता है तथा आपके विरोधियों का आधा आत्मविश्वास आपकी ख़ुशी देखकर ही कम हो जाता है।
नए लोगों से मिले-
नए लोगों से मिलने पर आपका सामाजिक मेल-जोल बढ़ता है तथा दूसरों के विचारों को जानने में आसानी होती है। दूसरों के विचारों को जानकर आप व्यक्तित्व को सबसे अच्छे रूप में ढाल सकते है क्योंकि आपको पता होता है कि दूसरे लोग किस तरह के व्यक्तित्व को पसंद करते है। नए लोगों से मिलने से जीवनशैली से जुड़े विषयों, संस्कृति आदि को सीखने का मौका मिलता है। जिससे जब आप पहली बार किसी से मिलते है तो उसको अपने अनुभव द्वारा फ़र्स्ट इम्प्रैशन में आकर्षित कर सकते है।
आत्मविश्वास-
आत्मविश्वास सफलता की पहली सीढ़ी होती है इसलिए हमेशा किसी भी कार्य को करते समय उसे पूरी लगन और आत्मविश्वास के साथ करें। आपके आत्मविश्वासी होने से आपके साथ कार्य करने वाले लोगों में भी आत्मविश्वास आता है। आत्मविश्वास बढ़ाने के प्रेरणादायक चीजों के बारे में पढ़े। ऊपर सकारात्मक सोच तथा ख़ुशी के बारे में बताया है, ये दोनों आत्मविश्वास को बढ़ाने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।
इंग्लिश में बात करना सीखें-
हम सभी इस बात को मानते है कि हिंदी हमारी मातृभाषा है परन्तु आजकल सभी कार्य अंग्रेजी में किये जाते है। अंग्रेजी अंतर्राष्ट्रीय भाषा है जिसका उपयोग कर दुनिया में किसी भी व्यक्ति से बात कर उसके विचारों, भावनाओं तथा संस्कृति को जान सकते है। इसके अलावा भी बहुत बार आपके पास ज्ञान तथा कौशल दोनों होते है परन्तु अंग्रेजी कमजोर होने के कारण आप अपने विचारों को नहीं रख पाते है और आपका आत्मविश्वास भी कम पड़ जाता है। इंग्लिश सीखने के लिए सबसे पहले हिचकिचाहट छोड़ दें।
सभी की बातों को सुने-
बहुत से व्यक्ति सिर्फ अपनी बात बोलते है तथा दुसरो को नहीं सुनते है। अगर वो लोग किसी की सुनते भी है तो सिर्फ उनकी बातों का जवाब देने के लिए। एक अच्छे व्यक्तित्व वाला इंसान वही होता है जो दूसरों की बातों को भी ध्यान पूर्वक सुने और उनका सम्मान करें। सफल व्यक्ति हमेशा बोलते कम और सुनते ज्यादा है। आप किसी भी प्रोफेशन में हो अगर आप दूसरों को ध्यान से सुनकर उनकी मदद करते है तभी आप एक अच्छे व्यक्तित्व वाले इंसान बन सकते है।
अपने अन्दर सकारात्मक सोच जागृत करें-
चाहें आपकी बातें हो या आपके कार्य, सभी जगह सकारात्मक सोच का होना अच्छे व्यक्तित्व विकास के लिए बहुत आवश्यक है। हमारे सोचने का तरीका यह तय करता है कि हम अपना कार्य किस प्रकार और किस हद तक पूरा कर सकेंगे। सकारात्मक विचारों से आत्मविश्वास बढ़ता है और व्यक्तित्व को बढाता है। जीवन में कई प्रकार की ऊँची-नीची परिस्तिथियाँ आती हैं परन्तु एक सकारात्मक सोच रखने वाला व्यक्ति हमेशा सही नज़र से सही रास्ते को देखता है।
नए लोगों से जुड़ें-
ज्यादा से ज्यादा नए लोगों से मिलना और अलग-अलग प्रकार के लोगों से मिलना जीवन के एक नये स्तर पर जाना है। इससे जीवन में संस्कृति और जीवन शैली से जुडी चीजों के विषय में बहुत कुछ सिखने को मिलता है जो व्यक्तित्व विकास के लिए बहुत ही आवश्यक है।
एक अच्छा श्रोता बनिए-
ज्यादातर लोग समझने के लिए नहीं सुनते, वे उत्तर देने के लिए सुनते हैं। क्यों ? सही बात है ना। एक अच्छा श्रोता होना बहुत कठिन है परन्तु यह व्यक्तित्व विकास का एक अहम स्टेप है। जब भी कोई आपसे बात करे, ध्यान से उनकी बातों को सुनें और समझें और अपना पूरा ध्यान उनकी बातों पर रखें। सीधी आँखों से ध्यान दें और इधर-उधर की बातों पर ध्यान ना दें।
खुश रहें-
दुनिया की हर चीज में खुशी देखने के लिए प्रयास करें। दूसरों के साथ हँसे पर दूसरों पर कभी भी ना हँसे। उल्लासपूर्ण व्यक्ति की हमेशा सराहना की जाती है। हँसना अच्छे व्यक्तित्व का एक हिस्सा है।
विनम्र बनें-
भले ही आप प्रतिभाशाली हों, बहुत बड़े व्यक्ति हों परन्तु अगर आपके जीवन में विनम्रता नहीं तो आपका व्यक्तित्व कभी अच्छा नहीं हो सकता। बड़ा अहंकार करने वाले व्यक्तियों को कोई पसंद नहीं करता।
इमानदार और वफादार बनें-
कभी भी किसी को धोका ना दें और भरोसा ना तोड़ें। आपके चाहने वाले आपकी सराहना करेंगे अगर आप ईमानदारी रहेंगे तो। जीवन में विश्वास ही सबसे बड़ी चीज है अगर एक बार वह विश्वास टूटा तो भरोसा करना मुश्किल हो जायेगा।
मुश्किल की परिस्थिति में शांति से काम लें-
बहुत सारे लोगों का व्यक्तित्व बाहर से देखने में बहुत ही सुन्दर और अच्छा दिखता है लेकिन मुश्किल पड़ने पर उनकी सिट्टी-पिट्टी गुल हो जाती है। इमरजेंसी के समय उनका दिमाग काम नहीं देता और वे हमेशा टेंशन में रहते हैं। वैसे समय में हार मानाने वाले व्यक्ति का व्यक्तित्व अन्दर से कमज़ोर होता है।
निष्कर्ष:
कुछ लोग अच्छी बॉडी बनाने, अच्छे कपड़े पहनने, नयी स्टाइल अपनाने आदि को बेस्ट पर्सनालिटी समझते है परन्तु किसी भी व्यक्ति की पहचान उसके चरित्र के आधार पर होती है न की फैशन के आधार पर। फैशन लोगों को आपकी तरफ आकर्षित करने में मदद करता है परन्तु आपका व्यक्तित्व आपके विचारों और आदतों के अनुसार ही निर्धारित होता है।
पढ़ना शुरू करें-
किताबें ज्ञान का भंडार होती है, और ज्ञानवान व्यक्ति की समाज में बहुत इज़्ज़त होती है। व्यक्तित्व विकास के निर्माण में किताबें महत्वपूर्ण स्थान रखती है। पढ़ने के लिए ज़रुरी नहीं है कि आप किसी पुस्तकालय में जाएं और फिर किताबें पढ़ना शुरू करें। आप इंटरनेट पर भी आर्टिकल, मैगज़ीन, पुस्तकें आदि ज्ञानवर्धक सामग्री पढ़ कर कही भी अपनी बातों का लोहा मनवा सकते है। क्योंकि जब आपके पास ज्ञान होगा तभी तो आप अपनी बात को सबसे अच्छे तरीके से रख पाएंगे।
विनम्र बने-
विनम्रता अच्छाई की मूर्ति होती है। विनम्र रहने से हर व्यक्ति आपसे बात करना पसंद करता है। यदि आप स्वयं का ही उदाहरण लेकर देखे कि कोई व्यक्ति आपसे हमेशा कठोर आवाज़ में और चेहरे पर गंभीर स्वभाव लिए बात करे तो क्या आप उसे पसंद करेंगे। इसलिए हमेशा विनम्र रहे और सदैव चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कान रखे। यदि आप जीवन में दूसरों से कुछ चाहते है तो पहले स्वयं को बदले और कभी भी गुस्सा न करे, यह आपके व्यक्तित्व को अलग पहचान दिलाता है।
माफ़ी मांगना और माफ़ करना सीखें-
जैसा हमने आपको ऊपर बताया कि व्यक्तित्व विकास के लिए विनम्रता कितनी ज्यादा ज़रुरी है। माफ़ी मांगने से आपकी विनम्रता में और अधिक निखार आता है, माफ़ी मांगने का अर्थ यह नहीं है कि किसी भी व्यक्ति के सामने हम रोना या गिड़गिड़ाना शुरू कर दे। माफ़ी मांगने का मतलब है जब आप किसी भी व्यक्ति से तनाव होने के बावजूद फिर से बात करके मामले को सुलझाएं ठीक इसी प्रकार अगर कोई आपसे माफ़ी मांगे तो उसे माफ़ कर दे तथा बीती बातों को छोड़कर आगे बढ़े।
अपने फोन द्वारा दूसरों को परेशान न करें-
यह बहुत ही सामान्य गलती है जिसे हम कई बार दोहरा चुके है, परन्तु हमे पता नहीं है। कई बार हमारा फोन मीटिंग, ऑफ़िस या अन्य ऐसी जगह पर बजने लगता है, जिससे आस-पास वालो का ध्यान भटक जाता है। यदि आप शोर और भीड़-भाड़ वाले माहौल में नहीं है तो आपको हमेशा अपने फोन को वाइब्रेशन मोड पर रखना चाहिए। मोबाइल पर वीडियो, गाने आदि देखने के लिए इयरफोन का इस्तेमाल करना चाहिए तथा फोन पर बात एकांत में कमरे के बाहर जाकर करना चाहिए।
बॉडी लैंग्वेज को सुधारें-
बहुत बार आपने देखा होगा कुछ लोगों की बातें व उनका बात करने का ढंग ऐसा लगता है जैसे उनके मुँह से रस टपक रहा हो, तथा सभी उनकी तरफ आकर्षित होने लगते है। बात करते समय एक दम शुद्ध तथा सुनने योग्य धीमी गति से अपने चेहरे पर सम्बन्धित विषय से मिलते हुए भावो को लाना चाहिए। जिससे आपके द्वारा कह़ी गयी बात का सुनने वालों पर बहुत ही गहरा प्रभाव पड़ता है। बॉडी लैंग्वेज ठीक करने के लिए आप मोटिवेशनल स्पीकर की तरह बोलने की कोशिश करें।
हमेशा खुश रहने के लिए आवश्यकता होती है सकारात्मक सोच की, इसलिए हर चीज़ में सकारात्मक बातों को ढूंढने की कोशिश करें। हमेशा खुश रहने वाले व्यक्ति ही जीवन में सफल होते है क्योंकि अगर कोई व्यक्ति फेल होकर गिर भी गया है तो वापस उठने के लिए उसे एक नए सकारात्मक जोश और उत्साह की आवश्यकता होती है। हमेशा खुश रहना आपको किसी भी कठिन परिस्थिति में सबसे अलग बना देता है तथा आपके विरोधियों का आधा आत्मविश्वास आपकी ख़ुशी देखकर ही कम हो जाता है।
नए लोगों से मिले-
नए लोगों से मिलने पर आपका सामाजिक मेल-जोल बढ़ता है तथा दूसरों के विचारों को जानने में आसानी होती है। दूसरों के विचारों को जानकर आप व्यक्तित्व को सबसे अच्छे रूप में ढाल सकते है क्योंकि आपको पता होता है कि दूसरे लोग किस तरह के व्यक्तित्व को पसंद करते है। नए लोगों से मिलने से जीवनशैली से जुड़े विषयों, संस्कृति आदि को सीखने का मौका मिलता है। जिससे जब आप पहली बार किसी से मिलते है तो उसको अपने अनुभव द्वारा फ़र्स्ट इम्प्रैशन में आकर्षित कर सकते है।
आत्मविश्वास-
आत्मविश्वास सफलता की पहली सीढ़ी होती है इसलिए हमेशा किसी भी कार्य को करते समय उसे पूरी लगन और आत्मविश्वास के साथ करें। आपके आत्मविश्वासी होने से आपके साथ कार्य करने वाले लोगों में भी आत्मविश्वास आता है। आत्मविश्वास बढ़ाने के प्रेरणादायक चीजों के बारे में पढ़े। ऊपर सकारात्मक सोच तथा ख़ुशी के बारे में बताया है, ये दोनों आत्मविश्वास को बढ़ाने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।
इंग्लिश में बात करना सीखें-
हम सभी इस बात को मानते है कि हिंदी हमारी मातृभाषा है परन्तु आजकल सभी कार्य अंग्रेजी में किये जाते है। अंग्रेजी अंतर्राष्ट्रीय भाषा है जिसका उपयोग कर दुनिया में किसी भी व्यक्ति से बात कर उसके विचारों, भावनाओं तथा संस्कृति को जान सकते है। इसके अलावा भी बहुत बार आपके पास ज्ञान तथा कौशल दोनों होते है परन्तु अंग्रेजी कमजोर होने के कारण आप अपने विचारों को नहीं रख पाते है और आपका आत्मविश्वास भी कम पड़ जाता है। इंग्लिश सीखने के लिए सबसे पहले हिचकिचाहट छोड़ दें।
सभी की बातों को सुने-
बहुत से व्यक्ति सिर्फ अपनी बात बोलते है तथा दुसरो को नहीं सुनते है। अगर वो लोग किसी की सुनते भी है तो सिर्फ उनकी बातों का जवाब देने के लिए। एक अच्छे व्यक्तित्व वाला इंसान वही होता है जो दूसरों की बातों को भी ध्यान पूर्वक सुने और उनका सम्मान करें। सफल व्यक्ति हमेशा बोलते कम और सुनते ज्यादा है। आप किसी भी प्रोफेशन में हो अगर आप दूसरों को ध्यान से सुनकर उनकी मदद करते है तभी आप एक अच्छे व्यक्तित्व वाले इंसान बन सकते है।
अपने ऊपर विश्वास रखें-
जीवन में अगर आप कुछ भी करना चाहते हैं तो उसकी चाबी है अपने ऊपर विश्वास रखना। अपने ऊपर विश्वास रखना पहला कदम है अपने व्यक्तित्व विकास के लिए। अपनी काबिलियत पर कभी भी शक ना कीजिये और हमेशा अपने से स्वयं कहें ! मैं कर सकता हूँ , ये मेरे लिए है। अच्छी सफलता से जुडी प्रेरक और प्रेरणादायक कहानियाँ पढ़ें इससे जीवन में आगे बढ़ने का प्रोत्साहन मिलता है। साथ ही इससे आत्म सम्मान बढ़ता है और व्यक्तित्व में भी निखर आता है।
अपना दिमाग खुला रखें-
अपने अन्दर अच्छा व्यक्तित्व विकास लाने का एक और सबसे बाड़ा कार्य है अपने विश्वदृष्टि में बदलाव लाना। दूसरों की बात को ध्यान से सुनें और अपने दिमाग के बल पर अपना सुझाव या उत्तर दें। अपने फैसलों को खुद के दम पर पूरा करें क्योंकि दूसरों के फैसलों पर चलना या कदम उठाना असफलता का एक मुख्य कारण है।
जीवन में अगर आप कुछ भी करना चाहते हैं तो उसकी चाबी है अपने ऊपर विश्वास रखना। अपने ऊपर विश्वास रखना पहला कदम है अपने व्यक्तित्व विकास के लिए। अपनी काबिलियत पर कभी भी शक ना कीजिये और हमेशा अपने से स्वयं कहें ! मैं कर सकता हूँ , ये मेरे लिए है। अच्छी सफलता से जुडी प्रेरक और प्रेरणादायक कहानियाँ पढ़ें इससे जीवन में आगे बढ़ने का प्रोत्साहन मिलता है। साथ ही इससे आत्म सम्मान बढ़ता है और व्यक्तित्व में भी निखर आता है।
अपना दिमाग खुला रखें-
अपने अन्दर अच्छा व्यक्तित्व विकास लाने का एक और सबसे बाड़ा कार्य है अपने विश्वदृष्टि में बदलाव लाना। दूसरों की बात को ध्यान से सुनें और अपने दिमाग के बल पर अपना सुझाव या उत्तर दें। अपने फैसलों को खुद के दम पर पूरा करें क्योंकि दूसरों के फैसलों पर चलना या कदम उठाना असफलता का एक मुख्य कारण है।
शारीरिक भाषा में सुधार की आवश्यकता-
व्यक्तिगत विकास के लिए शारीरिक भाषा में सुधार लाना बहुत आवश्यक है। इससे आपके विषय में बहुत कुछ पता चलता है। हर चीज चाहे वह आपका खाने का तरिका हो, चलने का तरीका हो, बात करने का हो या बैठने का तरिका सब कुछ बॉडी लैंग्वेज से जुडा है। जब भी बैठें सभी मुश्किलों को भूल कर आराम से बैठें और जब भी आपक किसी से बात करें आंख से आंख मिला कर बात करें।
व्यक्तिगत विकास के लिए शारीरिक भाषा में सुधार लाना बहुत आवश्यक है। इससे आपके विषय में बहुत कुछ पता चलता है। हर चीज चाहे वह आपका खाने का तरिका हो, चलने का तरीका हो, बात करने का हो या बैठने का तरिका सब कुछ बॉडी लैंग्वेज से जुडा है। जब भी बैठें सभी मुश्किलों को भूल कर आराम से बैठें और जब भी आपक किसी से बात करें आंख से आंख मिला कर बात करें।
चाहें आपकी बातें हो या आपके कार्य, सभी जगह सकारात्मक सोच का होना अच्छे व्यक्तित्व विकास के लिए बहुत आवश्यक है। हमारे सोचने का तरीका यह तय करता है कि हम अपना कार्य किस प्रकार और किस हद तक पूरा कर सकेंगे। सकारात्मक विचारों से आत्मविश्वास बढ़ता है और व्यक्तित्व को बढाता है। जीवन में कई प्रकार की ऊँची-नीची परिस्तिथियाँ आती हैं परन्तु एक सकारात्मक सोच रखने वाला व्यक्ति हमेशा सही नज़र से सही रास्ते को देखता है।
नए लोगों से जुड़ें-
ज्यादा से ज्यादा नए लोगों से मिलना और अलग-अलग प्रकार के लोगों से मिलना जीवन के एक नये स्तर पर जाना है। इससे जीवन में संस्कृति और जीवन शैली से जुडी चीजों के विषय में बहुत कुछ सिखने को मिलता है जो व्यक्तित्व विकास के लिए बहुत ही आवश्यक है।
एक अच्छा श्रोता बनिए-
ज्यादातर लोग समझने के लिए नहीं सुनते, वे उत्तर देने के लिए सुनते हैं। क्यों ? सही बात है ना। एक अच्छा श्रोता होना बहुत कठिन है परन्तु यह व्यक्तित्व विकास का एक अहम स्टेप है। जब भी कोई आपसे बात करे, ध्यान से उनकी बातों को सुनें और समझें और अपना पूरा ध्यान उनकी बातों पर रखें। सीधी आँखों से ध्यान दें और इधर-उधर की बातों पर ध्यान ना दें।
खुश रहें-
दुनिया की हर चीज में खुशी देखने के लिए प्रयास करें। दूसरों के साथ हँसे पर दूसरों पर कभी भी ना हँसे। उल्लासपूर्ण व्यक्ति की हमेशा सराहना की जाती है। हँसना अच्छे व्यक्तित्व का एक हिस्सा है।
भले ही आप प्रतिभाशाली हों, बहुत बड़े व्यक्ति हों परन्तु अगर आपके जीवन में विनम्रता नहीं तो आपका व्यक्तित्व कभी अच्छा नहीं हो सकता। बड़ा अहंकार करने वाले व्यक्तियों को कोई पसंद नहीं करता।
इमानदार और वफादार बनें-
कभी भी किसी को धोका ना दें और भरोसा ना तोड़ें। आपके चाहने वाले आपकी सराहना करेंगे अगर आप ईमानदारी रहेंगे तो। जीवन में विश्वास ही सबसे बड़ी चीज है अगर एक बार वह विश्वास टूटा तो भरोसा करना मुश्किल हो जायेगा।
मुश्किल की परिस्थिति में शांति से काम लें-
बहुत सारे लोगों का व्यक्तित्व बाहर से देखने में बहुत ही सुन्दर और अच्छा दिखता है लेकिन मुश्किल पड़ने पर उनकी सिट्टी-पिट्टी गुल हो जाती है। इमरजेंसी के समय उनका दिमाग काम नहीं देता और वे हमेशा टेंशन में रहते हैं। वैसे समय में हार मानाने वाले व्यक्ति का व्यक्तित्व अन्दर से कमज़ोर होता है।
कुछ लोग अच्छी बॉडी बनाने, अच्छे कपड़े पहनने, नयी स्टाइल अपनाने आदि को बेस्ट पर्सनालिटी समझते है परन्तु किसी भी व्यक्ति की पहचान उसके चरित्र के आधार पर होती है न की फैशन के आधार पर। फैशन लोगों को आपकी तरफ आकर्षित करने में मदद करता है परन्तु आपका व्यक्तित्व आपके विचारों और आदतों के अनुसार ही निर्धारित होता है।
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